| تعداد آیه | حزب | جزء | صفحهی شروع | محل سوره |
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| 11 | 120 | 30 | 600 | مكه |
वह खड़खड़ानेवाली! ١ क्या है वह खड़खड़ानेवाली? ٢ और तुम्हें क्या मालूम कि क्या है वह खड़खड़ानेवाली? ٣ जिस दिन लोग बिखरे हुए पतंगों के सदृश हो जाएँगें, ٤ और पहाड़ के धुन के हुए रंग-बिरंग के ऊन जैसे हो जाएँगे ٥ फिर जिस किसी के वज़न भारी होंगे, ٦ वह मनभाते जीवन में रहेगा ٧ और रहा वह व्यक्ति जिसके वज़न हलके होंगे, ٨ उसकी माँ होगी गहरा खड्ड ٩ और तुम्हें क्या मालूम कि वह क्या है? ١٠ आग है दहकती हुई ١١