| تعداد آیه | حزب | جزء | صفحهی شروع | محل سوره |
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| 7 | 120 | 30 | 602 | مكه |
क्या तुमने उसे देखा जो दीन को झुठलाता है? ١ वही तो है जो अनाथ को धक्के देता है, ٢ और मुहताज के खिलाने पर नहीं उकसाता ٣ अतः तबाही है उन नमाज़ियों के लिए, ٤ जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल (असावधान) हैं, ٥ जो दिखावे के लिए कार्य करते हैं, ٦ और साधारण बरतने की चीज़ भी किसी को नहीं देते ٧