| تعداد آیه | حزب | جزء | صفحهی شروع | محل سوره |
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| 6 | 120 | 30 | 604 | مكه |
कहो, "मैं शरण लेता हूँ मनुष्यों के रब की ١ मनुष्यों के सम्राट की ٢ मनुष्यों के उपास्य की ٣ वसवसा डालनेवाले, खिसक जानेवाले की बुराई से ٤ जो मनुष्यों के सीनों में वसवसा डालता हैं ٥ जो जिन्नों में से भी होता हैं और मनुष्यों में से भी ٦