«النازعات»

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متن سوره

गवाह है वे (हवाएँ) जो ज़ोर से उखाड़ फैंके, ١ और गवाह है वे (हवाएँ) जो नर्मी के साथ चलें, ٢ और गवाह है वे जो वायुमंडल में तैरें, ٣ फिर एक-दूसरे से अग्रसर हों, ٤ और मामले की तदबीर करें ٥ जिस दिन हिला डालेगी हिला डालनेवाले घटना, ٦ उसके पीछ घटित होगी दूसरी (घटना) ٧ कितने ही दिल उस दिन काँप रहे होंगे, ٨ उनकी निगाहें झुकी होंगी ٩ वे कहते है, "क्या वास्तव में हम पहली हालत में फिर लौटाए जाएँगे? ١٠ क्या जब हम खोखली गलित हड्डियाँ हो चुके होंगे?" ١١ वे कहते है, "तब तो लौटना बड़े ही घाटे का होगा।" ١٢ वह तो बस एक ही झिड़की होगी, ١٣ फिर क्या देखेंगे कि वे एक समतल मैदान में उपस्थित है ١٤ क्या तुम्हें मूसा की ख़बर पहुँची है? ١٥ जबकि उसके रब ने पवित्र घाटी 'तुवा' में उसे पुकारा था ١٦ कि "फ़िरऔन के पास जाओ, उसने बहुत सिर उठा रखा है ١٧ "और कहो, क्या तू यह चाहता है कि स्वयं को पाक-साफ़ कर ले, ١٨ "और मैं तेरे रब की ओर तेरा मार्गदर्शन करूँ कि तु (उससे) डरे?" ١٩ फिर उसने (मूसा ने) उसको बड़ी निशानी दिखाई, ٢٠ किन्तु उसने झुठला दिया और कहा न माना, ٢١ फिर सक्रियता दिखाते हुए पलटा, ٢٢ फिर (लोगों को) एकत्र किया और पुकारकर कहा, ٢٣ "मैं तुम्हारा उच्चकोटि का स्वामी हूँ!" ٢٤ अन्ततः अल्लाह ने उसे आख़िरत और दुनिया की शिक्षाप्रद यातना में पकड़ लिया ٢٥ निस्संदेह इसमें उस व्यक्ति के लिए बड़ी शिक्षा है जो डरे! ٢٦ क्या तुम्हें पैदा करना अधिक कठिन कार्य है या आकाश को? अल्लाह ने उसे बनाया, ٢٧ उसकी ऊँचाई को ख़ूब ऊँचा करके उसे ठीक-ठाक किया; ٢٨ और उसकी रात को अन्धकारमय बनाया और उसका दिवस-प्रकाश प्रकट किया ٢٩ और धरती को देखो! इसके पश्चात उसे फैलाया; ٣٠ उसमें से उसका पानी और उसका चारा निकाला ٣١ और पहाड़ो को देखो! उन्हें उस (धरती) में जमा दिया, ٣٢ तुम्हारे लिए और तुम्हारे मवेशियों के लिए जीवन-सामग्री के रूप में ٣٣ फिर जब वह महाविपदा आएगी, ٣٤ उस दिन मनुष्य जो कुछ भी उसने प्रयास किया होगा उसे याद करेगा ٣٥ और भड़कती आग (जहन्नम) देखने वालों के लिए खोल दी जाएगी ٣٦ तो जिस किसी ने सरकशी की ٣٧ और सांसारिक जीवन को प्राथमिकता दो होगी, ٣٨ तो निस्संदेह भड़कती आग ही उसका ठिकाना है ٣٩ और रहा वह व्यक्ति जिसने अपने रब के सामने खड़े होने का भय रखा और अपने जी को बुरी इच्छा से रोका, ٤٠ तो जन्नत ही उसका ठिकाना है ٤١ वे तुमसे उस घड़ी के विषय में पूछते है कि वह कब आकर ठहरेगी? ٤٢ उसके बयान करने से तुम्हारा क्या सम्बन्ध? ٤٣ उसकी अन्तिम पहुँच तो तेरे से ही सम्बन्ध रखती है ٤٤ तुम तो बस उस व्यक्ति को सावधान करनेवाले हो जो उससे डरे ٤٥ जिस दिन वे उसे देखेंगे तो (ऐसा लगेगा) मानो वे (दुनिया में) बस एक शाम या उसकी सुबह ही ठहरे है ٤٦