| تعداد آیه | حزب | جزء | صفحهی شروع | محل سوره |
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| 17 | 118 | 30 | 591 | مكه |
साक्षी है आकाश, और रात में प्रकट होनेवाला - ١ और तुम क्या जानो कि रात में प्रकट होनेवाला क्या है? ٢ दमकता हुआ तारा! - ٣ कि हर एक व्यक्ति पर एक निगरानी करनेवाला नियुक्त है ٤ अतः मनुष्य को चाहिए कि देखे कि वह किस चीज़ से पैदा किया गया है ٥ एक उछलते पानी से पैदा किया गया है, ٦ जो पीठ और पसलियों के मध्य से निकलता है ٧ निश्चय ही वह उसके लौटा देने की सामर्थ्य रखता है ٨ जिस दिन छिपी चीज़ें परखी जाएँगी, ٩ तो उस समय उसके पास न तो अपनी कोई शक्ति होगी और न कोई सहायक ١٠ साक्षी है आवर्तन (उलट-फेर) वाला आकाश, ١١ और फट जानेवाली धरती ١٢ वह दो-टूक बात है, ١٣ वह कोई हँसी-मज़ाक नही है ١٤ वे एक चाल चल रहे है, ١٥ और मैं भी एक चाल चल रहा हूँ ١٦ अत मुहलत दे दो उन इनकार करनेवालों को; मुहलत दे दो उन्हें थोड़ी-सी ١٧